जय विंध्य प्रदेश, जय बघेली॥
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विंध्य प्रदेश की पुनर्स्थापना के प्रयास में विंध्यवासी- बघेली डिजिटल प्रमोटर और सपोर्टर श्रीवेन्द त्रिपाठी द्वारा विशेष जानकारी :
वर्तमान समय में विंध्य प्रदेश में कई ऐसे संगठन बन चुकें है. जिनका सपना विंध्य प्रदेश को पुनः स्थापित करने के साथ ही बघेली बोली को बघेली भाषा का दर्जा दिलाना है. इसके साथ ही विंध्य प्रदेश के बेरोजगारी की समस्या पर विषेश ध्यान देने के साथ ही भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश बनाने की भी रणनीति तैयार कर चुके हैं, ये संगठन रीवा सीधी से लेकर भोपाल, दिल्ली तक फैले हुए है. विंध्य प्रदेश की स्थापना के लिए इन्होंने उसका नक्सा (मैप) , जनसंख्या और क्षेत्रफल के साथ साथ उसके आय के साधन, खनिज संपदा इत्यादि पर भी पूरी शोध करने के बाद विंध्य प्रदेश की स्थापना की मांग कर रहे हैं जो कि सर्वथा उचित है.
विंध्य प्रदेश के विलीनीकरण के समय शहादत देने वाले वीरों को विंध्यवासी भूले नहीं है. और उनकी शहादत किसी भी कीमत पर बेकार नहीं जाने देगे. साथ ही इस मिसन में विंध्य प्रदेश के साहित्यकार, रंगकर्मी और मीडिया भी अपनी विशेष भूमिका अदा कर रहीं हैं कहने का तात्पर्य यह है कि कलमकार और कलाकार दोनों कंधा से कंधा मिलाकर प्रयासरत है
. विंध्य प्रदेश में सभी तरह के खनिज संपदा के मौजूद होने के बाद भी ये अपने अस्तित्व में नहीं है यह एक बहुत ही चिंता का विषय है. आज भी यहाँ पर बेरोजगारी अपने चरम सीमा पर है. लोग रोजी रोटी कमाने के लिए महानगरों की ओर पलायन करने को मजबूर है. जिसके कारण हमारी कला, संस्कृति, रीति रिवाज, परंपराये भी विलीन हो रही है. हमारे विंध्य प्रदेश में अपार प्राकृतिक संपदा भी है यहाँ तक कि ऐसी ऐसी संपदा है जो पूरे भारत में कहीं नहीं है समृद्धि का प्रतीक हीरा की खदानें भी विंध्य की धरातल पर विद्यमान है, कोयला के विसाल भंडार के साथ साथ पर्वत, नदी, और उपजाऊ भूमि की भी भरमार है, मौसम और जलवायु भी अब्बल दर्जे का है फिर भी विंध्य प्रदेश अपने अस्तित्व में क्यों नहीं है? यह एक विचारणीय पहलू है. आखिर कब तक विंध्य प्रदेश के निवासी ये सब कुछ जानते हुए भी रोजी रोटी के लिए दर दर भटकता रहेगा...!
अब विंध्यवासी हर प्रयास के लिए तैयार है लेकिन विंध्य प्रदेश को अपने अस्तित्व में लायेंगे जरूर
जय विंध्य प्रदेश, जय बघेली॥
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विंध्य प्रदेश की पुनर्स्थापना के प्रयास में विंध्यवासी- बघेली डिजिटल प्रमोटर और सपोर्टर श्रीवेन्द त्रिपाठी द्वारा विशेष जानकारी :
वर्तमान समय में विंध्य प्रदेश में कई ऐसे संगठन बन चुकें है. जिनका सपना विंध्य प्रदेश को पुनः स्थापित करने के साथ ही बघेली बोली को बघेली भाषा का दर्जा दिलाना है. इसके साथ ही विंध्य प्रदेश के बेरोजगारी की समस्या पर विषेश ध्यान देने के साथ ही भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश बनाने की भी रणनीति तैयार कर चुके हैं, ये संगठन रीवा सीधी से लेकर भोपाल, दिल्ली तक फैले हुए है. विंध्य प्रदेश की स्थापना के लिए इन्होंने उसका नक्सा (मैप) , जनसंख्या और क्षेत्रफल के साथ साथ उसके आय के साधन, खनिज संपदा इत्यादि पर भी पूरी शोध करने के बाद विंध्य प्रदेश की स्थापना की मांग कर रहे हैं जो कि सर्वथा उचित है.
विंध्य प्रदेश के विलीनीकरण के समय शहादत देने वाले वीरों को विंध्यवासी भूले नहीं है. और उनकी शहादत किसी भी कीमत पर बेकार नहीं जाने देगे. साथ ही इस मिसन में विंध्य प्रदेश के साहित्यकार, रंगकर्मी और मीडिया भी अपनी विशेष भूमिका अदा कर रहीं हैं कहने का तात्पर्य यह है कि कलमकार और कलाकार दोनों कंधा से कंधा मिलाकर प्रयासरत है
. विंध्य प्रदेश में सभी तरह के खनिज संपदा के मौजूद होने के बाद भी ये अपने अस्तित्व में नहीं है यह एक बहुत ही चिंता का विषय है. आज भी यहाँ पर बेरोजगारी अपने चरम सीमा पर है. लोग रोजी रोटी कमाने के लिए महानगरों की ओर पलायन करने को मजबूर है. जिसके कारण हमारी कला, संस्कृति, रीति रिवाज, परंपराये भी विलीन हो रही है. हमारे विंध्य प्रदेश में अपार प्राकृतिक संपदा भी है यहाँ तक कि ऐसी ऐसी संपदा है जो पूरे भारत में कहीं नहीं है समृद्धि का प्रतीक हीरा की खदानें भी विंध्य की धरातल पर विद्यमान है, कोयला के विसाल भंडार के साथ साथ पर्वत, नदी, और उपजाऊ भूमि की भी भरमार है, मौसम और जलवायु भी अब्बल दर्जे का है फिर भी विंध्य प्रदेश अपने अस्तित्व में क्यों नहीं है? यह एक विचारणीय पहलू है. आखिर कब तक विंध्य प्रदेश के निवासी ये सब कुछ जानते हुए भी रोजी रोटी के लिए दर दर भटकता रहेगा...!
अब विंध्यवासी हर प्रयास के लिए तैयार है लेकिन विंध्य प्रदेश को अपने अस्तित्व में लायेंगे जरूर
जय विंध्य प्रदेश, जय बघेली॥
Bahut khoob sir
ReplyDeleteजय बघेली जय विंध्यप्रदेश
DeleteVindhy pradesh k liye hmne bhi ek muhim shuru ki ham aap k saath judna chahate hai 7224037057 me aap sampark kare kripya 🙂🙏🏼🙏🏼
ReplyDeleteJi jarur
ReplyDeleteJai vindhya pradesh