रीवा एक परिचय
मध्य प्रदेश स्थित रीवा कभी ब्रिटिश काल के दौरान एक बड़ी रियासत हुआ करता था, और आज राज्य के सबसे प्रमुख शहरों में गिना जाता है। यह एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक विरासत जो अपने प्राचीन किले-भवनों के साथ प्राकृतिक खजानों(वन, नदी-झरने, हरा-भरा परिदृश्य) के लिए काफी प्रसिद्ध है। मध्य प्रदेश के बाकी पर्यटन गंतव्यों की तरह यह भी सैलानियों के मध्य काफी ज्यादा लोकप्रिय है।
अगर आप कुदरती खूबसूरती के साथ ऐतिहासिक विरासतों को देखने में दिलचस्पी रखते हैं, तो आपको यहां एकबार जरूर आना चाहिए। हमारे साथ जानिए पर्यटन के लिहाज से रीवा आपके लिए कितना खास है, जानिए यहां के चुनिंदा सबसे शानदार स्थानों के बारे में।
रानी तालाब
रीवा भ्रमण की शुरूआत आप यहां के रानी तालाब से कर सकते हैं, दरअसल तालाब के रूप में प्रसिद्ध यह वास्तव में एक प्राचीन कुंआ है। रानी तालाब राज्य के सबसे पुराने कुओं में से एक है, इसलिए पर्यटक इसे देखना ज्यादा पसंद करते हैं। यह तालाब सिर्फ प्राचीन होने तक ही सीमित नहीं है बल्कि यह एक पवित्र जलाशय भी है क्योंकि यह राज्य के प्रसिद्ध काली मंदिर के निकट स्थित है।
माना जाता है कि यह मंदिर श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं को पूरा करता है, इसलिए यहां बड़ी संख्या मेंदर्शनाभिलाषियों का आगमन होता है। नवरात्रि और दिवाली के दौरान यहां भव्य पुजा और मेले का आयोजन किया जाता है।
गोविंदगढ़ महल
रीवा के ऐतिहासिक स्थलों में आप प्रसिद्ध गोविंदगढ़ महल देख सकते हैं। इस महल की भौगोलिक स्थित काफी खास है, क्योंकि आप यहां महल के साथ-साथ अन्य प्राकृतिक आकर्षणों(नदी, झरना, जंगल) को भी देख सकते हैं। अतीत से जुड़े साक्ष्य बताते हैं कि इस महल का निर्माण 1881 में तत्कालीन राजा द्वारा किया गया था। महल के अलावा आप यहां गोविंदगढ़ झील भी देख सकते हैं, जिसके तट पर यह पूरा महल खड़ा है।
यहां पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कृत्रिम द्वीप भी बनाए गए हैं। माना जाता है कि भारत का सबसे पहला सफेद बाघ यहीं के जंगलों में पाया गया था। महल की वास्तुकला देखने लायक है। आप यहां इन-हाउस संग्रहालय भी देक सकते हैं।
रीवा का किला
गोविंदगढ़ महल के अलावा आप यहां प्रसिद्ध रीवा का किला देख सकते हैं। इस किले का नाम शहर के नाम पर रखा गया था। माना जाता है कि इस किले का निर्माण सलीम शाह ने करवाया था जिसने इसे अपूर्ण ही छोड़ दिया था, बाद में रीवा के महाराजा ने इस किले को पूरा बनाने का कार्य करवाया। रीवा फोर्ट राज्य में बेहतरीन किलों में गिना जाता है, और यह राज्य की सांस्कृतिक परंपराओं का एक गर्व प्रतीक भी है।
अपनी भव्यता और प्राचीन महत्व के कारण यह अब एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल बन चुका है। इतिहास और संस्कृति का एक अनोखा मिश्रण है यह किया जहां का भ्रमण एक आदर्श विकल्प रहेगा।
पुरवा जलप्रपात
ऐतिहासिक किलों के अलावा आप यहां के खूबसूरत जलप्रपातों की सैर का आनंद ले सकते हैं। राज्य में 70 मीटर की ऊंचाई पर स्थित सबसे खूबसूरत झरनों में गिना जाता है पुरवा जलप्रपात। इस झरने का जल स्रोत टोंस नदी है। ऊंची चट्टानों के साथ गिरता पानी दूर से रोमांचक एहसास दिलाता है।
पुरवा जलप्रपात का महत्व सिर्फ वर्तमान तक ही सीमितन नहीं है बल्कि इसका उल्लेख हिन्दू महाकाव्य रामायण में भी मिलता है। इसके अलावा यह एक फैमली पिकनिक स्पार्ट भी है।
क्योंटी जलप्रपात
उपरोक्त स्थानों के अलावा आप यहां के प्रसिद्ध क्योंटी जलप्रपात की सैर का भी प्लान बना सकते हैं। क्योंटी फॉल को भारत के सबसे ऊंचे झरनों(नंबर 24 ) की सूची में शामिल किया गया है। इस जलप्रपात का जल स्रोत्र तम्सा की सहायक महाना नदी जो इस झरने की मदद से 98 मीटर की ऊंचाई से गिरती है। इस जल का इस्तेमाल पेयजल और सिंचाई के लिए भी किया जाता है। माना जाता है कि यह झरना भगवान राम-सीता से भी जुड़ा है, इसलिए यहां कई लोग पूजा अनुष्ठान भी करते हैं।
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