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अगर आप नए साल की छुट्टियों पर जाने का मन बना रहे हैं तो अब आपको कहीं जानें की जरूरत नहीं है। क्योकि विंध्य के पर्यटन क्षेत्र किसी गोवा और मलेशिया के पर्यटन क्षेत्र से कम नहीं। बस आपको अपने विंध्य पर्यटन क्षेत्र के बारे में पूरी जानकारी हो। विंध्य के पर्यटन क्षेत्रों की विस्तृत जानकारी दे रहा आप इस साल न्यू ईयर को एंजॉय कर सकते हैं।
मैहर धाम में मां शारदा मंदिर
सतना से 45 किलोमीटर की दूरी पर त्रिकूट पर्वत में विराजमान हैं मां शारदा देवी। जहां मां शारदा समूचे देश में अतुलनीय हैं, यहां हजारों भक्त रोजाना दर्शन के लिए आते हैं । कहा जाता है की मां शारदा के अनन्य भक्त आलहा भी यहां सर्वप्रथम रोजाना आज भी पूजा करने आते हैं। आलहा उदल अखाड़ा एवं जल प्रपात भी यहां के दर्शनीय स्थल है।
धामों का धाम चित्रकूट धाम
सतना से 85 किलोमीटर की दूरी पर है चित्रकूट धाम। यह धाम देश के प्रसिद्ध पर्यटन नगरों में से एक है। मां मंदाकिनी नदी पर स्थित रामघाट है, यहां के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सती अनुसूईया आश्रम, कामतानाथ मंदिर, भरत कूप, हनुमान धारा, गुप्त गोदावरी स्फटिक शिला, जानकीकुंड प्रमुख हैं।
माधवगढ फोर्ट
सतना के माधव गढ़ में स्थित ऐतिहासिक फोर्ट जिसकी सुन्दरता टमस नदी के किनारे देखते ही मिलती है यहां का ऐतिहासिक प्राकृतिक सौन्दर्य अपने आप में ही अद्भुत हो जो की पर्यटकों को बहुत आकर्षित करता है
व्हाइट टाइगर सफारी
व्हाइट टाइगर सफारी के रूप में विकसित मुकुंदपुर वन्य प्राणी चिडिय़ाघर सफेद शेरों की धरती के रूप में अनूठी पहचान रखनी वाली विंध्य वसुंधरा में अब सफेद शेरों का आगमन शुरू हो चुका है। अब यहां का आनंद भी पर्यटक उठा सकेंगे। सफेद शेरों के अतिरिक्त यहां 63 प्रकार के अन्य जानवर भी देश के कोने कोने से आएंगे।
ईको टूरिज्म पार्क
रीवा की जीवनदायिनी बीहर एवं बिछिया नदी के टापू में बन कर तैयार हो रहा है विश्व स्तरीय ईकोटूरिज्म पार्क इस पार्क में पर्यटकों को विश्व स्तरीय मनोरंजन, पर्यटन सुविधायें मुहैया करायी जायेंगी । वाटर स्पोट्र्स, एडवेंचर स्पोर्ट, रेस्टोरेंट, मनोरंजन पार्क जैसी सुविधायें मिल सकेंगी तो बीहर नदी के ऊपर बन कर तैयार हो चुका है एयर सस्पेंशन ब्रिज, जिसके ऊपर से गुजरते हुए यहां आने वाले पर्यटक दो नदियों के विहंगम प्राकर्तिक सौंदर्य का आनंद ले सकेंगे।
रीवा फोर्ट, म्यूजियम
रीवा राजघराने का ऐतिहासिक फोर्ट देशी विदेशी पर्यटकों की सबसे प्रथम पसंद है, का गौरवमयी इतिहास है तो प्रसिद्ध बाघेला म्यूजियम भी हैं। रीवा राजघराने में विदेशी देशों के झूमर भी यहां की सुन्दरता में चार चांद के सामान हैं। साथ ही रीवा से 35 किलोमीटर की दूरी पर महाना नदी एवं फॉल के तट पर स्थित है 13 वीं शताब्दी का ऐतिहासिक क्योटी फोर्ट, रीवा से 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है त्योंथर फो र्ट एवं नईगढ़ी फोर्ट।
जलप्रपातों व घाटियों की मनमोहक श्रंखला
रीवा जलप्रपातों की नगरी है, जलप्रपातों से ही यहां का प्राकृतिक सौन्दर्य विश्व प्रसिद्ध है रीवा में ही मध्यप्रदेश का सबसे ऊंचा चचाई जलप्रपात है तो क्योटी, पुरवा, बहुती घिनौची धाम का सौंदर्य अपने आप में ही अद्भुत है। रीवा से चचाई की दूरी 50 किलोमीटर, क्योटी की 35 किलोमीटर, पुरवा की दूरी 35 किलोमीटर, बहुती की दूरी 70 किलोमीटर, घिनौची धाम की दूरी 40 किलोमीटर है। रीवा की घाटियों की सुन्दरता अपने आप में ही अनूठी है जिनमे बरदाहा घाटीए सोहागी घाटीए छुहिया घाटी का विहंगम प्राकृतिक सौंदर्य अद्भुत है।
बसामन मामा
प्रदेश के प्रथम गौ अभयारण्य के रूप में प्रस्तावित है रीवा की आस्था का प्रमुख केंद्र बसामन मामा। यहां आने से भक्तों, पर्यटकों को असीम आनंद, शांति की अनुभूति होती है तो भक्तों की सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं। बसामन मामा धाम रीवा से 35 किलोमीटर की दूरी है
देउर कोठार के प्राचीन बौद्ध स्तूप
विश्व शान्ति एवं सद्भाव का सन्देश देता है बौद्ध धर्म, रीवा से 60 किलोमीटर की दूरी पर देउर कोठार में पांच हजार वर्ष प्राचीन बौद्ध स्तूपों की सबसे बड़ी श्रंखला है। यहां शैल चित्रों एवं गुफाओं की भी श्रंखला है।
ऐताहासिक गुफाए हैं खास
रीवा से 120 किलोमीटर की दूरी पर सीधी के प्रसिद्ध पर्यटन केन्द्रों में माढा की ऐतिहासिक गुफाएं, संजय गांधी नेशनल पार्क, चंद्रेह के प्राचीन मंदिर, भंवरसेन प्रमुख हैं।
बांधवगढ़ नेशनल पार्क
उमरिया क्षेत्र में स्थित बांधवगढ़ के शेरों की दहाड़ विश्व में प्रसिद्ध हैं दुनिया भर के प्राकृतिक पर्यटन प्रेमी व वन्य प्राणी प्रेमी यहां आते हैं। बाघों एवं शेरों के मध्य सफारी का आनंद व प्राकृतिक का विहंगम सौंदर्य पर्यटकों को सबसे ज्यादा आकर्षित करता है।
विन्ध्य वसुंधरा में है विश्व पर्यटक केंद्र अमरकंटक
रीवा से 300 किलोमीटर की दूरी पर है अमरकंटक और अमरकंटक में है मां नर्मदा नदी का उद्गम स्थल, महानद सोन उद्गम स्थल, प्राचीन स्मारक मंदिरों के समूह, कपिल धारा व दूधधारा जलप्रपात, जैन मंदिर, माई की बगिया धूमने लायक है।
विंध्य में कई ऐसे पर्यटन क्षेत्र है जो एतिहासिक और प्राकृतिक है। यहां पर विन्ध्य के लोगों को जरूर समय बिताना चाहिए।
पंकज द्विवेदी संचालक व्लॉग ,vindhya pradesh the land of white tiger
मैहर धाम में मां शारदा मंदिर
सतना से 45 किलोमीटर की दूरी पर त्रिकूट पर्वत में विराजमान हैं मां शारदा देवी। जहां मां शारदा समूचे देश में अतुलनीय हैं, यहां हजारों भक्त रोजाना दर्शन के लिए आते हैं । कहा जाता है की मां शारदा के अनन्य भक्त आलहा भी यहां सर्वप्रथम रोजाना आज भी पूजा करने आते हैं। आलहा उदल अखाड़ा एवं जल प्रपात भी यहां के दर्शनीय स्थल है।
धामों का धाम चित्रकूट धाम
सतना से 85 किलोमीटर की दूरी पर है चित्रकूट धाम। यह धाम देश के प्रसिद्ध पर्यटन नगरों में से एक है। मां मंदाकिनी नदी पर स्थित रामघाट है, यहां के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सती अनुसूईया आश्रम, कामतानाथ मंदिर, भरत कूप, हनुमान धारा, गुप्त गोदावरी स्फटिक शिला, जानकीकुंड प्रमुख हैं।
माधवगढ फोर्ट
सतना के माधव गढ़ में स्थित ऐतिहासिक फोर्ट जिसकी सुन्दरता टमस नदी के किनारे देखते ही मिलती है यहां का ऐतिहासिक प्राकृतिक सौन्दर्य अपने आप में ही अद्भुत हो जो की पर्यटकों को बहुत आकर्षित करता है
व्हाइट टाइगर सफारी
व्हाइट टाइगर सफारी के रूप में विकसित मुकुंदपुर वन्य प्राणी चिडिय़ाघर सफेद शेरों की धरती के रूप में अनूठी पहचान रखनी वाली विंध्य वसुंधरा में अब सफेद शेरों का आगमन शुरू हो चुका है। अब यहां का आनंद भी पर्यटक उठा सकेंगे। सफेद शेरों के अतिरिक्त यहां 63 प्रकार के अन्य जानवर भी देश के कोने कोने से आएंगे।
ईको टूरिज्म पार्क
रीवा की जीवनदायिनी बीहर एवं बिछिया नदी के टापू में बन कर तैयार हो रहा है विश्व स्तरीय ईकोटूरिज्म पार्क इस पार्क में पर्यटकों को विश्व स्तरीय मनोरंजन, पर्यटन सुविधायें मुहैया करायी जायेंगी । वाटर स्पोट्र्स, एडवेंचर स्पोर्ट, रेस्टोरेंट, मनोरंजन पार्क जैसी सुविधायें मिल सकेंगी तो बीहर नदी के ऊपर बन कर तैयार हो चुका है एयर सस्पेंशन ब्रिज, जिसके ऊपर से गुजरते हुए यहां आने वाले पर्यटक दो नदियों के विहंगम प्राकर्तिक सौंदर्य का आनंद ले सकेंगे।
रीवा फोर्ट, म्यूजियम
रीवा राजघराने का ऐतिहासिक फोर्ट देशी विदेशी पर्यटकों की सबसे प्रथम पसंद है, का गौरवमयी इतिहास है तो प्रसिद्ध बाघेला म्यूजियम भी हैं। रीवा राजघराने में विदेशी देशों के झूमर भी यहां की सुन्दरता में चार चांद के सामान हैं। साथ ही रीवा से 35 किलोमीटर की दूरी पर महाना नदी एवं फॉल के तट पर स्थित है 13 वीं शताब्दी का ऐतिहासिक क्योटी फोर्ट, रीवा से 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है त्योंथर फो र्ट एवं नईगढ़ी फोर्ट।
जलप्रपातों व घाटियों की मनमोहक श्रंखला
रीवा जलप्रपातों की नगरी है, जलप्रपातों से ही यहां का प्राकृतिक सौन्दर्य विश्व प्रसिद्ध है रीवा में ही मध्यप्रदेश का सबसे ऊंचा चचाई जलप्रपात है तो क्योटी, पुरवा, बहुती घिनौची धाम का सौंदर्य अपने आप में ही अद्भुत है। रीवा से चचाई की दूरी 50 किलोमीटर, क्योटी की 35 किलोमीटर, पुरवा की दूरी 35 किलोमीटर, बहुती की दूरी 70 किलोमीटर, घिनौची धाम की दूरी 40 किलोमीटर है। रीवा की घाटियों की सुन्दरता अपने आप में ही अनूठी है जिनमे बरदाहा घाटीए सोहागी घाटीए छुहिया घाटी का विहंगम प्राकृतिक सौंदर्य अद्भुत है।
बसामन मामा
प्रदेश के प्रथम गौ अभयारण्य के रूप में प्रस्तावित है रीवा की आस्था का प्रमुख केंद्र बसामन मामा। यहां आने से भक्तों, पर्यटकों को असीम आनंद, शांति की अनुभूति होती है तो भक्तों की सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं। बसामन मामा धाम रीवा से 35 किलोमीटर की दूरी है
देउर कोठार के प्राचीन बौद्ध स्तूप
विश्व शान्ति एवं सद्भाव का सन्देश देता है बौद्ध धर्म, रीवा से 60 किलोमीटर की दूरी पर देउर कोठार में पांच हजार वर्ष प्राचीन बौद्ध स्तूपों की सबसे बड़ी श्रंखला है। यहां शैल चित्रों एवं गुफाओं की भी श्रंखला है।
ऐताहासिक गुफाए हैं खास
रीवा से 120 किलोमीटर की दूरी पर सीधी के प्रसिद्ध पर्यटन केन्द्रों में माढा की ऐतिहासिक गुफाएं, संजय गांधी नेशनल पार्क, चंद्रेह के प्राचीन मंदिर, भंवरसेन प्रमुख हैं।
बांधवगढ़ नेशनल पार्क
उमरिया क्षेत्र में स्थित बांधवगढ़ के शेरों की दहाड़ विश्व में प्रसिद्ध हैं दुनिया भर के प्राकृतिक पर्यटन प्रेमी व वन्य प्राणी प्रेमी यहां आते हैं। बाघों एवं शेरों के मध्य सफारी का आनंद व प्राकृतिक का विहंगम सौंदर्य पर्यटकों को सबसे ज्यादा आकर्षित करता है।
विन्ध्य वसुंधरा में है विश्व पर्यटक केंद्र अमरकंटक
रीवा से 300 किलोमीटर की दूरी पर है अमरकंटक और अमरकंटक में है मां नर्मदा नदी का उद्गम स्थल, महानद सोन उद्गम स्थल, प्राचीन स्मारक मंदिरों के समूह, कपिल धारा व दूधधारा जलप्रपात, जैन मंदिर, माई की बगिया धूमने लायक है।
विंध्य में कई ऐसे पर्यटन क्षेत्र है जो एतिहासिक और प्राकृतिक है। यहां पर विन्ध्य के लोगों को जरूर समय बिताना चाहिए।
पंकज द्विवेदी संचालक व्लॉग ,vindhya pradesh the land of white tiger
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