नए साल 2020 के आगाज के लिए इस साल के आखिरी दिन 31 दिसंबर से ही मैहर में चाक चौबंद पुलिस व्यवस्था कर दी गयी है। मैहर दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए 400 जवानों का बल मंगलवार की शाम 4 बजे लगा दिया गया है। यह पुलिस बल एक जनवरी के दिन भी मौजूद रहेगा। रक्षित निरीक्षक सत्य प्रकाश मिश्रा ने बताया कि हर साल की तरह इस बार भी मैहर में सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम किए गए हैं। सुरक्षा व्यवस्था के प्रभारी एएसपी रहेंगे।
इनके साथ 4 डीएसपी, 10 टीआई ड्यूटी में होंगे। नौवीं बटालियन रीवा से एसएएफ की दो कंपनी ड्यूटी के लिए आ रही है। 100 होमगार्ड जवान होंगे और 200 जिला पुलिस बल के अधिकारी व कर्मचारी लगाए जाएंगे। सीसीटीवी कैमरों को भी दुरुस्त कर लिया गया है। साथ ही पुलिस कंट्रोल रूम में भी कमियों को पूरा किया जा रहा है ताकि मैहर में आने जाने वाले दर्शनार्थियों पर कैमरे की मदद से भी नजर रखी जा सके।
क्या है मैहर मंदिर का महत्व
कहते हैं मां हमेशा ऊंचे स्थानों पर विराजमान होती हैं। जिस तरह मां दुर्गा के दर्शन के लिए पहाड़ों को पार करते हुए भक्त वैष्णो देवी तक पहुंचते हैं। ठीक उसी तरह मध्य प्रदेश के सतना जिले में भी 1063 सीढ़ियां लांघ कर माता के दर्शन करने जाते हैं। सतना जिले की मैहर तहसील के पास त्रिकूट पर्वत पर स्थित माता के इस मंदिर को मैहर देवी का मंदिर कहा जाता है। मैहर का मतलब है मां का हार। मैहर नगरी से 5 किलोमीटर दूर त्रिकूट पर्वत पर माता शारदा देवी का वास है। मां शारदा देवी का मंदिर पर्वत की चोटी के मध्य में। देश भर में माता शारदा का अकेला मंदिर सतना के मैहर में ही है। इसी पर्वत की चोटी पर माता के साथ ही श्री काल भैरवी, भगवान, हनुमान जी, देवी काली, दुर्गा, श्री गौरी शंकर, शेष नाग, फूलमती माता, ब्रह्म देव और जलापा देवी की भी पूजा की जाती है।
_________✍✍✍ पंडित पंकज द्विवेदी
संचालक ब्लॉग - vindhya pradesh the land of white tiger